बिहार को इस समय एक खतरा पूरे जो है, जो नवजात शिशुओं की मौत को तेज़ी से बढ़ा रहा है. यह एक गंभीर चिंता है जिसको {समाधान जरूरी है। इस समस्या के बारे में अभी तक कोई सफल कदम नहीं उठाए गए हैं.
बच्चों का मौत का मामला, प्रशासन ने घोषित किया आपदाकाल
एक दुःखद घटना में, बहुत सारे बच्चे स्वर्गवास को प्राप्त हो गए हैं। इस तरह से हादसे के बाद, प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर आपदाकाल की घोषणा कर दी है ।
यह घटना समाज में व्यापक सदासुद्धं है और सरकार इस स्थिति का शीघ्र समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस त्रासदी से पीड़ित परिवारों को मदद प्रदान की जा रही है।
कानपुर से बच्चों बिहार में बेहोश हुए, सच्चाई क्या है?
यह हाल ही आया एक घटना है जिसने पूरे देश को चकित कर दिया है। कानपुर की बच्चे बिहार में बेरहमी तरीके से बेहोश हुए हैं। यह घटना बेहद गंभीर है और इसकी जाँच जरूरी है।
यह संभावना की जा रही है कि बच्चे कोई विषाक्त पदार्थों से नुकसान पहुंचाया गया है। लेकिन इसलिए निश्चित नहीं है कि घटना क्या थी।
शुरूआती जाँच में कुछ सुराग मिले हैं लेकिन अभी तक कोई समाप्ति नहीं है।
यह परिवर्तन सभी लोगों को {चिंतित{ कर रही है।
हमारे विचार क्या हैं?
नुकसान: बच्चों का जन्मदिन खतरे में
आजकल हमारा मौसम बहुत ही प्रदूषित हो गया है। इसमें बहुत से घातक पदार्थ मिलते हैं जो बच्चों के लिए बहुत ज़्यादा ख़तरनाक हैं। यह हमारे भविष्य हैं और हमें उनकी रक्षा करनी चाहिए।
- पर्यावरण प्रदूषण का कारण क्या है?
- इससे बच्चों को कौन से नुकसान हो सकते हैं?
- क्या हम इसे रोकने के लिए कुछ कर सकते हैं?
बिहार सरकार का विरोध प्रदर्शन
पटना शहर में आज बहुत सारे/कई/कुछ लोगो ने बिहार सरकार/सरकार/राज्य सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण/आक्रामक/धारावाहिक विरोध प्रदर्शन किया. विभिन्न/अनेक/कई संगठनों और here लोगों/जनता/समाज ने अपना/अपने/तेरे समर्थन/दुख/क्रोध का प्रदर्शन किया. विरोधकर्ताओं/लोगों/भागीदारों ने निंदा/प्रतिज्ञा/आरोप की लहर उठाई और मौके/स्थिति/परिस्थिति को चुनौतीपूर्ण/गंभीर/जटिल बना दिया. सरकार/राज्य/नेता ने इस घटना पर/यह कहकर/कहना है कि वह इस विरोध प्रदर्शन का ध्यान रखेगा/इस मामले में निष्पक्ष रहेगा/इसके लिए जिम्मेदार होगा.
क्या बच्चों की मृत्यु एक भूल या साजिश है?
यह सवाल बहुत दुखद है और इसका कोई आसान जवाब नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि बच्चों की मौतें केवल हैवानियतपूर्ण घटनाएँ हैं, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि ये पूरी तरह से अनजाने में हो रही हैं।
कुछ लोग प्रमाणों की कमी के आधार पर इस विचार को अस्वीकार करते हैं कि ये घटनाएँ बस दुर्घटनाएँ थीं। वे कहते हैं कि सरकार या अन्य शक्तिशाली संगठन इन मौतों में शामिल हो सकते हैं, और इसमें संलग्न हैं कि सच्चाई प्रकाश न आए।
- कुछ लोग मानते हैं कि बच्चों की मौतों में एक रहस्यमय संबंध है।
- अन्य लोग इन बातों को नजरअंदाज करते हैं
यह बहुआयामी विषय है और इसका कोई आसान उत्तर नहीं है।
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